पिछले 6 कारोबारी सत्रों में शेयर बाजार में ऐसी गिरावट आई है कि निवेशकों के होश उड़ गए हैं। मार्केट कैप में पूरे 24 लाख करोड़ रुपये की कमी आ गई है! विदेशी निवेशकों ने धड़ाधड़ पैसा निकाला और ग्लोबल मार्केट में मंदी की खबरों ने आग में घी का काम किया।
जानकारों की राय भी बंटी हुई है। कुछ कह रहे हैं कि अब बाजार एकदम नीचे आ चुका है, और यहां से खरीदारी का मौका है। वहीं, कुछ का मानना है कि अभी और गिरावट बाकी है। खासकर छोटे और मझोले शेयरों (मिडकैप और स्मॉलकैप) को लेकर चिंता बढ़ गई है, क्योंकि उनके भाव बहुत ज्यादा बढ़ गए थे।
महीने के 12 तारीख को तो निफ्टी 23,000 के नीचे तक चला गया था। लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स को अभी भी उम्मीद है कि बाजार में जल्दी ही सुधार आएगा, क्योंकि बाजार अब ‘ओवरसोल्ड’ हो गया है, मतलब जितना गिरना था, गिर चुका।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वी.के. विजयकुमार जैसे बड़े जानकार तो कह रहे हैं कि ये गिरावट लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बड़े शेयरों (लार्ज कैप) में पैसा लगाने का अच्छा मौका है। हालांकि, ये भी सच है कि विदेशी निवेशक अगर लगातार बेचते रहे, तो बाजार में बड़ी तेजी आना मुश्किल है। पिछले पांच दिनों में सेंसेक्स करीब 2.91% और निफ्टी 2.81% तक गिर चुका है।
अब सवाल ये है कि क्या बाजार और गिरेगा या यहीं से ऊपर जाएगा? जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के आनंद जेम्स कहते हैं कि निफ्टी 23,060 के आसपास आकर थोड़ा संभला है, जो एक अच्छी बात है और रिकवरी की उम्मीद जगाता है। लेकिन रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजित मिश्रा थोड़े अलग राय रखते हैं। उनका कहना है कि अगर निफ्टी 23,200 के नीचे रहा तो और गिरावट आ सकती है, और ये 22,800 तक भी जा सकता है। उनका कहना है कि असली डर तो मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में है, जहाँ बहुत ज्यादा बिकवाली हो रही है। इसलिए निवेशकों को अभी थोड़ा सावधान रहकर, रिस्क कम करके चलना चाहिए।