क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के किसान अब हरी मिर्च से मालामाल हो सकते हैं? जी हाँ, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IVRI Varanasi) वाराणसी और विश्व बैंक मिलकर एक ऐसी योजना पर काम कर रहे हैं, जिससे उत्तर प्रदेश हरी मिर्च उत्पादन और निर्यात का सबसे बड़ा केंद्र बन सकता है।
विश्व बैंक की टीम वाराणसी में, किसानों के लिए खुशखबरी!
हाल ही में, विश्व बैंक की एक टीम ने IVRI वाराणसी का दौरा किया। उनका मकसद था उत्तर प्रदेश को हरी मिर्च का हब बनाने की संभावनाओं को देखना। टीम ने संस्थान के वैज्ञानिकों, किसान उत्पादक संघों और निर्यातकों से मिलकर बातचीत की।
किसानों को मिलेगा सीधा फायदा
IVRI वाराणसी के डायरेक्टर, डॉ. नागेन्द्र राय ने बताया कि संस्थान किसानों को उद्यमी बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। मिर्च और मटर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस मीटिंग में 10 से ज्यादा किसान उत्पादक संघों के डायरेक्टर और 40 से ज्यादा तरक्की पसंद किसानों ने हिस्सा लिया। सबने मिलकर मिर्च और मटर की खेती और मार्केटिंग के बारे में खुलकर बात की।
मटर की ये किस्में बदल देंगी किसानों की किस्मत
डॉ. ज्योति ने किसानों को मटर की कुछ खास किस्मों के बारे में बताया, जैसे काशी उदय, काशी मुक्ति, काशी अगती, काशी नंदिनी, काशी पूर्वी और काशी तृप्ति। ये किस्में किसानों की पैदावार बढ़ाएंगी और उन्हें ज्यादा मुनाफा होगा।
सब्जी बेचकर किसान हो रहे हैं मालामाल
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि पूर्वांचल के जिले जैसे काशी, सोनभद्र, मिर्जापुर, गाजीपुर, बलिया और जौनपुर सब्जी निर्यात के लिए एकदम तैयार हैं। किसान अब अच्छी क्वालिटी की सब्जी उगा रहे हैं, जो विदेशों में भी पसंद की जा रही है। भारत से अब बड़े पैमाने पर सब्जी बाहर भेजी जा सकती है, जिससे किसानों की कमाई सीधे बढ़ेगी और बाजार में सब्जियों के दाम भी अच्छे मिलेंगे।
विदेशों में ट्रेनिंग लेकर किसान करेंगे कमाल
यह भी जान लीजिए कि वाराणसी मंडल के 19 किसानों को विदेश में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। वहां उन्हें सिखाया गया कि कैसे खाद का सही इस्तेमाल करके पैदावार बढ़ाई जाए, ताकि उनकी सब्जियां अरब देशों के साथ-साथ यूरोप तक भी पहुंच सकें।
150 मीट्रिक टन निर्यात का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश से सब्जी निर्यात लगातार बढ़ रहा है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि सरकार 150 मीट्रिक टन सब्जी निर्यात करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए एपीडा, कृषि निर्यात विभाग और मार्केटिंग विभाग मिलकर काम करेंगे।
गाजीपुर मंडी: मिर्च का सबसे बड़ा अड्डा
IVRI के डायरेक्टर डॉ. नागेन्द्र राय ने बताया कि गाजीपुर की पातालगंगा मंडी में हर दिन 200 टन मिर्च का कारोबार होता है। यह मिर्च बांग्लादेश, नेपाल और सऊदी अरब तक जाती है।
इंदु मिर्च: विदेशों में डिमांड
डॉ. नागेन्द्र राय ने इंदु मिर्च की खासियत बताते हुए कहा कि इसकी पतली बनावट के कारण विदेशों में इसकी बहुत मांग है। यह मिर्च बांग्लादेश, नेपाल और गोरखपुर से लेकर सऊदी अरब तक एक्सपोर्ट होती है। अपने लाजवाब स्वाद और क्वालिटी के कारण, गाजीपुर की इंदु मिर्च ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना ली है।
निष्कर्ष
लेख में दी गई जानकारी भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IVRI) वाराणसी और विश्व बैंक के दौरे पर आधारित है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के बयान भी लेख में शामिल हैं। यह लेख 2/4/2025 को प्रकाशित हुआ था और इसमें दी गई जानकारी उस समय तक सही थी। किसानों की आय बढ़ाने और उत्तर प्रदेश को हरी मिर्च का हब बनाने की दिशा में यह एक सकारात्मक पहल है।