क्या आप फास्टैग इस्तेमाल करते हैं? अगर हाँ, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है! नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने फास्टैग के नियमों में 17 फरवरी, 2025 से कुछ बड़े बदलाव किए हैं। अगर आपने इन नए नियमों को नहीं माना, तो आपकी जेब पर भारी असर पड़ सकता है!
क्या हैं ये नए नियम?
सरकार ने टोल प्लाजा पर होने वाली धोखाधड़ी और गलत ट्रांजैक्शन को रोकने के लिए ये नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों के तहत, अब पेमेंट में देरी करने वालों और ब्लैकलिस्टेड फास्टैग इस्तेमाल करने वालों पर सख्ती की जाएगी।
देरी हुई तो लगेगा जुर्माना?
जी हाँ! अगर आपकी गाड़ी टोल प्लाजा से गुजरने के 15 मिनट के अंदर फास्टैग पेमेंट नहीं होती है, तो आपको अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, अगर आपके फास्टैग अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं है और ट्रांजैक्शन में देरी होती है, तो इसकी जिम्मेदारी टोल ऑपरेटर की होगी।
चार्ज बैक और कूलिंग पीरियड का क्या है चक्कर?
नए नियमों के अनुसार, अगर आपके ब्लैकलिस्टेड या कम बैलेंस वाले फास्टैग से गलत पैसे कट जाते हैं, तो बैंक 15 दिनों के बाद ही चार्ज बैक कर सकते हैं। अगर आपने 15 दिन से पहले चार्ज बैक के लिए अर्जी दी, तो वह रिजेक्ट हो जाएगी। मतलब, आपको 15 दिन का इंतजार करना होगा!
इनएक्टिव टैग तो गया काम से!
यह नियम उन फास्टैग यूजर्स के लिए भी है जो अपने टैग को इनएक्टिव रखते हैं। अगर आपका फास्टैग टोल पार करने से 60 मिनट पहले से इनएक्टिव है और टोल पार करने के 10 मिनट बाद तक भी इनएक्टिव रहता है, तो आपका ट्रांजैक्शन रिजेक्ट हो जाएगा। ऐसे पेमेंट रीजन कोड 176 के साथ रिजेक्ट होंगे। यह नियम भी 17 फरवरी, 2025 से लागू हो गया है।
तो अब क्या करें?
इन नए नियमों से बचने के लिए, यह जरूरी है कि आप:
- अपने फास्टैग अकाउंट में हमेशा पर्याप्त बैलेंस रखें।
- अपने फास्टैग को एक्टिव रखें और समय-समय पर चेक करते रहें।
- टोल प्लाजा पर पेमेंट में देरी न करें।
अगर आप इन नियमों का पालन करेंगे, तो आप जुर्माने से बच सकते हैं और टोल प्लाजा पर बिना किसी परेशानी के गुजर सकते हैं।
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